प्रॉपर्टी की खरीदारी में कौन से कागजात चेक करना है समझदारी?

किसी भी व्यक्ति के लिए प्रॉपर्टी खरीदना जीवन में सबसे महत्वपूर्ण काम में से एक है. आप सारी जमा पूंजी, भारी कर्ज और बड़े अरमानों से प्रॉपर्टी खरीदारी का फैसला करते हैं, इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाए जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई आसानी से चट ना कर सके. प्रॉपर्टी के कागजात चेक करने में आपकी लापरवाही आपके जीवन भर की बचत को एक मिनट में उड़ा सकती है.

 

देश का औसत व्यक्ति लोन लेकर ही प्रॉपर्टी खरीदता है. हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए. यहां आपको उन दस्तावेजों की सूची बता रहे हैं जिन्हें चेक कर आप इस सौदे को सही तरीके से पूरा कर सकते हैं.

 

सेल डीड :- यह क़ानूनी दस्तावेज है जो प्रॉपर्टी के मालिकाना हक़ की पुष्टि करता है. यह इस बात का भी सबूत है कि प्रॉपर्टी पुराने मालिक से मौजूदा विक्रेता को ट्रांसफर की गयी है. प्रॉपर्टी का टाइटल क्लियर होने के साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि सेल डीड स्थानीय रजिस्ट्रार के दफ्तर में रजिस्टर्ड हो. सबसे पहले यह चेक करें कि जो प्रॉपर्टी आप खरीद रहे हैं उसका टाइटल डीड क्लियर हो. इसका मतलब यह है कि उस प्रॉपर्टी पर कोई विवाद ना हो. संपत्ति का टाइटल डीड एक क़ानूनी दस्तावेज है जो प्रॉपर्टी के मालिकाना हक़ की पुष्टि करता है. यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जो व्यक्ति आपको प्रॉपर्टी बेच रहा है, टाइटल डीड उसी के नाम से हो. सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप किसी वकील से ही प्रॉपर्टी डीड को वेरीफाई करायें, इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि कागज सही हैं और उनमें कोई कमी नहीं है.

 

बिल्डिंग प्लान अप्रूवल :- अगर आप किसी बिल्डिंग में फ्लैट खरीद रहे हैं तो यह सुनिश्चित करें कि बिल्डर ने बिल्डिंग प्लान संबंधित अथॉरिटी से मंजूर जरूर कराया हो. यह संबंधित अथॉरिटी के कमिश्नर या उनके द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी से अप्रूव कराया जाना चाहिए. इससे आपको यह तय करने में मदद मिलेगी कि बिल्डर ने मकान क़ानूनी तरीके से बनाया है या नहीं.

 

लोन सर्टिफिकेट :-  यह सर्टिफिकेट सुनिश्चित करता है कि संबंधित प्रॉपर्टी पर कोई लोन या अन्य देनदारी तो नहीं है. मतलब यह है कि आप जिस समय प्रॉपर्टी खरीद रहे हों, उस समय वह हर तरह के कर्ज या देनदारी से मुक्त हो. सब रजिस्ट्रार ऑफिस द्वारा जारी यह सर्टिफिकेट बताता है कि प्रॉपर्टी से संबंधित किस तरह का ट्रांजेक्शन किया गया है और इस समय उसकी वास्तविक हालत क्या है. दूसरे शब्दों में यह सर्टिफिकेट किसी मोर्डगेज, टाइटल ट्रांसफर या क़ानूनी रूप से रजिस्टर्ड ट्रांजेक्शन का सबूत है जिससे प्रॉपर्टी पर कोई सवाल ना उठे.

 

कंप्लीशन सर्टिफिकेट :- स्थानीय निकाय द्वारा जारी कंप्लीशन सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है संबंधित प्रॉपर्टी का निर्माण उसके दिशा निर्देशों के हिसाब से ही हुआ है. यह पानी, बिजली, सीवर जैसी बेसिक जरूरतों के हिसाब से बहुत जरूरी सर्टिफिकेट है. अगर यह नहीं मिला तो प्रॉपर्टी में बेसिक सुविधा जुटाना मुश्किल हो सकता है.

 

ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट :- कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने के बाद स्थानीय निकाय (नगर निगम या अथॉरिटी) ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी करता है. यह सर्टिफिकेट सुनिश्चित करता है कि संबंधित प्रॉपर्टी रहने के लिहाज से उपलब्ध है और उसका निर्माण सभी नियम-कानूनों का पालन करते हुए किया गया है. यह संकेत देता है कि प्रॉपर्टी क़ानूनी तौर पर वैध है और रहने के लिए उपयुक्त है. किसी प्रॉपर्टी की खरीदारी के हिसाब से यह सबसे जरूरी दस्तावेज है.

 

पावर ऑफ एटॉर्नी :- यह एक क़ानूनी दस्तावेज है जिसकी मदद से कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को प्रॉपर्टी की देखभाल, किराये पर उठाने या बेचने के लिए अधिकृत करता है. इस दस्तावेज का भी हालांकि रजिस्ट्रेशन कराया जाना जरूरी है. स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज बचाने के लिए कई बार लोग पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिये प्रॉपर्टी खरीद लेते हैं. इससे सरकार को राजस्व की बड़ी हानि होती है और मुकदमे के अधिक मामलों का सामना करना होता है. इसमें एक ही प्रॉपर्टी को कई लोगों के हाथ बेच दिया जाता है. इसकी सावधानी से जांच करने की जरूरत है.

 

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट :- एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट इस बात का सबूत है कि प्रॉपर्टी कानूनी तौर पर गिरवी या बकाया राशि से मुक्त है। इसमें प्रॉपर्टी के पुराने मालिक का भी नाम लिखा रहता है। जब रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने की बात आती है तो यह बेहद अहम दस्तावेज माना जाता है। इससे यह मालूम चल जाता है कि क्या पिछले मालिक ने प्रॉपर्टी को गिरवी रखा था और सभी बकाया चुकाए गए हैं या नहीं।

 

असली साइट के साथ मंजूर किए गए प्लान का मिलान:- अगर आप अपार्टमेंट खरीद रहे हैं तो मंजूर किए गए उस प्लान की कॉपी जरूर देखें, जिसे स्थानीय प्रशासन ने पास किया है। यह आपको इलाके और निर्माण के बारे में बेहतर आइडिया दे सकता है।

 

प्रॉपर्टी टैक्स रसीद भी चेक करें:- अगर आप एक रीसेल प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो पुराने मालिक से प्रॉपर्टी टैक्स स्लिप जरूर मांगें। इससे आपको दो बातें पता चलेंगी- पहली ये कि जो कॉलोनी या इलाका आप खरीदना चाहते हैं वह नियमित है या गैरकानूनी। दूसरा क्या प्रॉपर्टी स्थानीय निकाय प्रशासन के पास रजिस्टर्ड है और लंबित बकाया चुका दिया गया है।

 

टैक्स और बिल संबंधी कागजात :- प्रॉपर्टी खरीदने वाले व्यक्ति को सभी बकाया चुका दिया गया है, यह सुनिश्चित करना चाहिए और इसके लिए जरूरी रसीद या बिल देखना चाहिए. प्रॉपर्टी बेचने वाले व्यक्ति से सभी रसीद असली मांगें और सिर्फ फोटोकॉपी रसीद पर भरोसा ना करें.

 

प्रॉजेक्ट की रजिस्टर्ड सोसाइटी :- हर अपार्टमेंट प्रोजेक्ट में रेजिडेंट वेलफेयर असोसिएशन के अलावा रजिस्टर्ड सोसाइटी होनी चाहिए। यह खुद में एक कानूनी प्रक्रिया है, जिससे आपको प्रोजेक्ट की कानूनी वैधता की जानकारी मिल जाएगी।