
आप कोई फ्लैट खरीद रहे हैं तो लोगों की पुरानी गलतियों से सबक लें। वो क्या बातें जरूरी है जिनसे आशियाना सुरक्षित रह सके, हम ऐसे ही नियम और प्रक्रिया आपको बता रहे है।
शहर में बिल्डर, कॉलोनाइजर और प्रॉपर्टी ब्रोकर चमकदार ब्रोशर और विभिन्न स्कीम दिखाकर संपत्ति बेच देते हैं। मुनाफे के लालच में अवैध निर्माण भी कर दिया जाता है जिसे आम आदमी समझ नहीं पाता। हालांकि वह फ्लैट या मकान खरीदते समय तो बराबर ध्यान रखता है कि किसी कानूनी प्रक्रिया या शासकीय कार्यालय के चक्कर में न काटना पड़े। सामान्यत: रजिस्ट्री हो जाने के बाद वह बेफिक्र हो जाता है। इसके बावजूद कई ऐसे दस्तावेज व प्रक्रियाएं हैं जिन्हें पहले ही देख लें तो बाद में समस्याओं से आपका पाला नहीं पड़ेगा।
सबसे पहले यह याद रखें-
- जहां मल्टी बनी है, उसका नक्शा विक्रेता से मांगें।
- यदि मल्टी या भवन निगम सीमा में है तो संबंधित जोनल कार्यालय या निगम मुख्यालय में नक्शा विभाग से उसकी जांच करवाएं।
- निर्माण जिस भूखंड पर है, उसका नक्शा पास है या नहीं।
- प्लॉट का भूमि-उपयोग क्या है?
- प्लॉट जिस नक्शे पर बना है वह कब स्वीकृत हुआ और सही प्रक्रिया से पास है या नहीं।
- नकली नक्शे भी बनते हैं। निगम से सर्टिफाइड कॉपी लेना चाहिए।
- जिस प्लॉट पर मल्टी बनी है, उसका उपयोग आवासीय है या कमर्शियल। कई जगह दोनों उपयोग भी नक्शे में होते हैं।
- आपका फ्लैट किस श्रेणी में आ रहा है, यह नक्शे में दर्शाया होता है।
- कमर्शियल प्लॉट की अनुमति टीएंडसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) से मिलती है।
- विभाग में मात्र 24 घंटे की प्रक्रिया में आप नक्शा देख सकते हैं। यदि न मिले तो सूचना के अधिकार में भी जानकारी निकाली जा सकती है।
प्रकोष्ठ पत्र
इसी चैनल में प्रकोष्ठ-पत्र (फ्लैट के लिए) मांगें। यह वह दस्तावेज है, जिससे आपका उस मल्टी में कितने हिस्से पर अधिकार है और मल्टी के टूटने, गिरने या किसी अन्य तरह की घटना में जमींदोज होने पर आपके पास क्या बचेगा का प्रमाण होता है।यदि नई मल्टी है तो यह दस्तावेज बिल्डर से मांगें। यदि आप फ्लैट पहले खरीद चुके हैं और प्रकोष्ठ-पत्र नहीं लिया है तो निगम में रजिस्ट्री दिखाकर आवेदन करें। यह आवेदन निगम मुख्यालय की बिल्डिंग परमिशन शाखा में कर सकते हैं। निगम से पता चलता है कि प्रकोष्ठ-पत्र नहीं है तो यह पता करें प्रकोष्ठ रजिस्टर्ड है या नहीं।इसके लिए कलेक्टोरेट स्थित रजिस्ट्रार कार्यालय में जिस क्षेत्र की मल्टी है, उसके सब रजिस्ट्रार के पास आवेदन करें। यदि बिल्डर से दस्तावेज मिले हैं तो वे भी लगा दें। इससे आप प्रकोष्ठ की कॉपी ले पाएंगे।
कोई लोन तो नहीं :- मल्टी या मकान जिस प्लॉट पर है, उस प्लॉट पर और जो फ्लैट या मकान खरीद रहे हैं उस पर लोन तो नहीं है? इसके लिए आपको सर्च प्रक्रिया अपनानी होगी जो रजिस्ट्रार कार्यालय में होता है।आवेदन के समय आपको संबंधित संपत्ति का पूरा पता और दस्तावेज मांगने का कारण बताना होगा।चैनल की कॉपी मिलने के बाद भी लोन की पड़ताल आप स्वयं दस्तावेज पढ़कर कर सकते हैं।
बिजली, पानी व संपत्ति कर की जानकारी :- यदि फ्लैट नया है तो पानी के कनेक्शन की स्थिति देख लें। यदि सामूहिक बोरिंग है तो उसमें कितना भुगतान आपको करना होगा, यह भी तय कर लें। – बिजली बिल में दर्ज रीडिंग का मीटर से मिलान कर लें। देख लें मीटर खराब या बिल बकाया तो नहीं? पुराने फ्लैट में बिजली, पानी के पुराने बिल जरूर मांगें। मल्टी के सामूहिक बिजली बिल व मेंटेनेंस की जानकारी भी ले लें।पुराने या रिसेल के फ्लैट में संपत्ति व जल कर पता करने के लिए उस फ्लैट का सर्विस नंबर लें, नगर निगम मुख्यालय या जोनल कार्यालय से वर्तमान बिल सर्विस नंबर बताकर ले सकते है|